Leaders' tour for Adampur election: आदमपुर उपचुनाव का काउंटडाउन शुरू, देखें किस किस नेता ने किया प्रचार
- By Vinod --
- Thursday, 27 Oct, 2022
Leaders' tour for Adampur election
मंत्रियों ने दौरों ने भव्य के पक्ष में एकतरफा कर दिया चुनावी माहौल
एक प्रत्याशी ने दिया भव्य को समर्थन, अनेक ने किया समर्थन का वादा
मंत्री रणजीत सिंह, डा. बनवारी लाल व खेल मंत्री संदीप सिंह ने किए ताबड़तोड़ दौरे
केवल पिता—पुत्र के सहारे जेपी की नैया, कांग्रेस के अन्य गुटों ने बनाई दूरी
Leaders' tour for Adampur by-election- आदमपुर उपचुनाव का काउंटडाउन शुरू होने के साथ ही आदमपुर विधानसभा उपचुनाव में नेताओं के दौरे तेज हो गए हैं। हरियाणा सरकार के मंत्रियों ने आदमपुर क्षेत्र के अलग—अलग गांवों का दौरा करके भाजपा—जजपा प्रत्याशी भव्य बिश्नोई के लिए समर्थन जुटाया वहीं पार्टी नेता कुलदीप बिश्नोई के दौरे के दौरान जन कल्याण मोर्चा के उम्मीदवार सीसवाल निवासी राजेश छिम्पा ने चुनाव मैदान से हटते हुए भव्य बिश्नोई को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। मंत्रियों के दौरों के दौरान मिला समर्थन व एक उम्मीदवार का भव्य के समर्थन में आने से आदमपुर की सियासी माहौल एकतरफा नजर आया। दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी की कमान केवल पिता—पुत्र के हाथ में होने व अन्य गुटों द्वारा प्रचार से दूरी बना लेने के कारण उनके प्रचार अभियान को गति नहीं मिल पा रही है।
आदमपुर उपचुनाव को बड़े अंतर से साधने की रणनीति बनाए बैठी भारतीय जनता पार्टी ने अपने तरकश के तीर अब निकालने शुरू कर दिए हैं। इसके तहत सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों को आदमपुर में भेजकर सियाशी माहौल तैयार किया जा रहा है। पार्टी की रणनीति के तहत सरकार में वरिष्ठ मंत्री चौ. रणजीत सिंह ने क्षेत्र के कई गांवों का दौरा किया। उन्होंने दौरों के दौरान कांग्रेस पर करारे हमले किए और कहा कि इस उपचुनाव में करारी हार के साथ ही कांग्रेस पर पर्दा गिर जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास कोई नेता व नीति नहीं है और वहां पर वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। ऐसे में हर कांग्रेसजन पार्टी से किनारा करने लगा है और वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे हैं ताकि देश के विकास में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने गठबंधन उम्मीदवार भव्य बिश्नोई को उर्जावान युवा बताते हुए कहा कि भव्य की जीत के साथ ही आदमपुर की सरकार में भागीदारी होगी और क्षेत्र के विकास कार्यों को चार चांद लगेंगे। उन्होेंने क्षेत्रवासियों से आह्वान किया कि वह अपने पराये की पहचान करके बाहर वालों को बाहर का रास्ता दिखाएं।
हरियाणा के सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने आदमपुर हलके के ठसका, झीड़ी, दुर्जनपुर व फ्रांसी का दौरा किया। उन्होंने सरकार के विकास कार्यों का ब्यौरा दिया और जनता को अवगत करवाया कि वह हरियाणा की मनोहर लाल सरकार ने जनकल्याण की पारदर्शी नीतियां लागू की है। समय व जरूरत के अनुसार सेवाओं में बढ़ोतरी की जा रही है ताकि जनता को अधिक से अधिक सुविधाएं मिले। उन्होंने कहा कि जनता के हित भाजपा सरकार के हाथों ही सुरक्षित है, इसलिए कांग्रेस व अन्य दलों के झांसे में न आएं और भव्य बिश्नोई को भारी बहुमत से विजयी बनाएं।
हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह ने पीरावाली, झीड़ी, ठसका व बीड़ बबरान का दौरा करके भव्य के लिए समर्थन जुटाया। खेल मंत्री ने सरकार की खेल नीति का हवाला देते हुए कहा कि युवा वर्ग का भविष्य भाजपा सरकार के हाथों ही सुरक्षित है। सरकार ने ऐसी नीति बनाई है कि खिलाड़ी के पदक लेकर वापिस आते ही उसे सरकारी नौकरी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का काम केवल झूठ बोलकर जनता को गुमराह करना है और उसके पास खेल, खिलाड़ियों व आम जनता के लिए कोई नीति नहीं है। ऐसे में जनता अपने हित पहचाने और अपने पराये की पहचान करके अपने को प्रतिनिधि चुनें।
पार्टी नेता कुलदीप बिश्नोई ने ढाणी आदमपुर, ढाणी सीसवाल, कोहली, ढाणी मोहबतपुर, सीसवाल, सलेमगढ़, ढोबी, बांडाहेड़ी, लाडवी, आदमपुर मॉडल टाउन, सारंगपुर, कालीरावण, ढाणी खासा, आदमपुर शिव कालोनी में भाजपा-जजपा प्रत्याशी भव्य के पक्ष में मतदान की अपील की। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश पर जमकर निशाने साधे और कहा कि हुड्डा हो या जेपी इनको सिर्फ चुनाव के समय आदमपुर की याद आती है। चुनाव बीतते ही ये लोग यहां ढूंढने से भी नहीं मिलेंगे। उन्होंने लोगों से विकास के नाम पर फैसला लेने का आह्वान करते हुए कहा कि दो वर्ष सरकार के बाकी हैं और इन दो वर्षों में हमें क्षेत्र को विकास के पथ पर ले जाना है।
कुल मिलाकर सरकार के मंत्रियों व भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के दौरों के दौरान भाजपा—जजपा उम्मीदवार भव्य बिश्नोई के पक्ष में माहौल एकतरफा नजर आया वहीं जनता में भव्य की जीत के बाद सरकार में भागीदारी को लेकर उत्सुकता नजर आई। दूूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव की कमान केवल हुड्डा पिता पुत्र के हाथ में ही रहने व कांग्रेस के अन्य गुटों द्वारा जयप्रकाश के चुनाव से दूरी बना लेने के कारण उनका प्रचार अभियान आशानुरूप गति नहीं पकड़ पाया। अब देखना है, उपचुनाव में भाजपा—जजपा अपने मकसद में कितना कामयाब होती है और पिता—पुत्र के सहारे कांग्रेस प्रत्याशी की नैया कितनी आगे तक जाती है।